Ladli Behna Yojana 2024: अगले विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं, और राजनीतिक पार्टियों ने अपने चुनावी वादे तेज़ कर दिए हैं। हाल ही में घोषित “लाडली बहिन योजना 2024” पर नज़र डालें तो यह योजना महिलाओं को ₹1,500 प्रति माह की वित्तीय सहायता देने का वादा करती है। इस योजना के लिए पूरे ₹46,000 करोड़ का आवंटन किया गया है। यह योजना महाराष्ट्र की महिलाओं के जीवन में क्या बदलाव लाएगी, इस पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन सवाल यह भी है – क्या यह योजना असली रूप से महिलाओं की सहायता के लिए है या महज़ चुनावी रणनीति का हिस्सा?
लाडली बहिन योजना 2024: Ladli Behna Yojana 2024
जब हम इस योजना को तुलना में रखते हैं, तो साफ़ दिखता है कि यह खटाखट 8500 (नारी शक्ति योजना) या सिद्धारमैया की स्त्री शक्ति योजना की तरह ही है। खटाखट 8500 योजना में महिलाओं को ₹8,500 प्रति माह देने का वादा किया गया, जबकि स्त्री शक्ति योजना में महिलाओं को ₹2,000 प्रति माह। ऐसे में यह सवाल उठता है कि “लाडली बहिन योजना” क्या नई सोच का परिणाम है या पुरानी योजनाओं की नकल?
आख़िरकार, विपक्षी नेताओं और विशेषकर राहुल गांधी (पप्पू) पर हमेशा तंज कसे जाते थे कि उनकी योजनाएं राज्यों को आर्थिक रूप से कमज़ोर कर देंगी। लेकिन जब महाराष्ट्र में यही बात की जाती है, तो क्या इसे एक सशक्तिकरण का कदम कहा जाएगा? क्या इसे ‘रेवड़ी संस्कृति’ नहीं माना जाएगा?
श्री अजित पवार, जो इस योजना के सूत्रधार हैं, का दावा है कि यह महिलाओं के उत्थान के लिए एक मजबूत कदम है। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह वाकई महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की ओर ले जाएगा या सिर्फ़ वोट बटोरने की कोशिश है?
निष्कर्ष: Ladli Behna Yojana 2024
आपका सवाल सही है कि क्या “लाडली बहिन योजना 2024” अजित पवार को चुनाव में बढ़त दिलाएगी? आंकड़े यह दिखाते हैं कि राजनीतिक पार्टियां अक्सर ऐसी योजनाएं चुनावी लाभ के लिए लेकर आती हैं। इस योजना का वास्तविक असर महिलाओं पर तो चुनाव के बाद ही दिखाई देगा, लेकिन फ़िलहाल यह योजना केवल एक चुनावी वादा बनकर रह गई है।
क्या यह सच में महिलाओं के लिए परिवर्तनकारी होगी या सिर्फ़ एक राजनीतिक चाल? यह तो समय ही बताएगा।
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